प्रोपर्टी खरीदने से पहले एक बार जरूर चेक कर लें ये 6 डॉक्यूमेंट, बाद में नहीं होगी दिक्कत Property Documents

By Meera Sharma

Published On:

Property Documents

Property Documents: आज के दौर में अचल संपत्ति की खरीदारी किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय माना जाता है। इसमें न केवल जीवनभर की कमाई का एक बड़ा हिस्सा लगता है, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी इससे जुड़ी होती है। वर्तमान समय में बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों और बाजार में बढ़ रही धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए खरीदारों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। एक छोटी सी चूक या लापरवाही आपको न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि कानूनी समस्याओं में भी फंसा सकती है।

प्रॉपर्टी की दुनिया में अनेक प्रकार की धोखाधड़ी होती रहती है, जिसमें फर्जी दस्तावेज, डुप्लीकेट रजिस्ट्री, और अवैध कब्जे जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसलिए किसी भी संपत्ति में निवेश करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों की गहराई से जांच करना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल आपके निवेश की सुरक्षा करता है, बल्कि भविष्य में होने वाली कानूनी परेशानियों से भी बचाता है।

रेरा प्रमाणपत्र की महत्वता

यह भी पढ़े:
Gold Price Today सोने के दामो में आई भारी गिरावट, खरीदने वालों के लिए पूरे देश मे नया नियम लागू जानिए पूरी खबर। Gold Price Today

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा का प्रमाणपत्र आज के समय में किसी भी प्रॉपर्टी खरीदारी का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। 2016 में रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट के लागू होने के बाद सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का रेरा में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यह कानून खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाना है। रेरा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में निवेश करना खरीदारों के लिए सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें डेवलपर की सभी जानकारी सत्यापित होती है।

रेरा प्रमाणपत्र की जांच करते समय यह सुनिश्चित करें कि प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर वैध है और रेरा की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है। इससे आपको प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, डेवलपर की विश्वसनीयता, और निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में सटीक जानकारी मिल जाती है। यदि कोई प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड नहीं है, तो उससे बचना ही बेहतर होता है।

बिक्री समझौते की जांच

यह भी पढ़े:
LPG Gas Cylinder Price सस्ता हो गया गैस सिलेंडर, नए रेट जारी LPG Gas Cylinder Price

प्रॉपर्टी खरीदारी में बिक्री समझौता या सेल एग्रीमेंट एक अत्यंत महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है जो खरीदार और विक्रेता के बीच होने वाले सौदे की सभी शर्तों को स्पष्ट करता है। इस दस्तावेज में संपत्ति का विस्तृत विवरण, कुल कीमत, भुगतान की शर्तें, कब्जे की निर्धारित तारीख, और दोनों पक्षों के अधिकार एवं दायित्व शामिल होते हैं। बैंक भी होम लोन मंजूर करते समय इस दस्तावेज की मांग करते हैं क्योंकि यह सौदे की वैधता को दर्शाता है।

सेल एग्रीमेंट की जांच करते समय विशेष ध्यान दें कि सभी नियम और शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी हुई हों। कब्जे की तारीख, पेनल्टी क्लॉज, कैंसिलेशन पॉलिसी, और अतिरिक्त शुल्कों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। यदि कोई शर्त समझ में न आए तो कानूनी सलाहकार से सलाह लेना बेहतर होता है। यह दस्तावेज भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में आपका मुख्य सबूत बनता है।

कब्जा प्रमाणपत्र की आवश्यकता

यह भी पढ़े:
Kisan Karj Mafi List किसान कर्ज माफ़ी योजना की नई लिस्ट जारी Kisan Karj Mafi List

ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या कब्जा प्रमाणपत्र स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि निर्माण कार्य सभी नियमों के अनुसार पूरा हो गया है और इमारत में रहने के लिए सुरक्षित है। यह प्रमाणपत्र तभी जारी होता है जब इमारत सभी आवश्यक सुविधाओं जैसे कि पानी, बिजली, सीवेज, और फायर सेफ्टी के मानकों को पूरा करती है। बिना ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के किसी भी प्रॉपर्टी में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।

इस प्रमाणपत्र की जांच करते समय यह सुनिश्चित करें कि यह वैध प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया है और इसकी तारीख हाल ही की है। कई बार डेवलपर्स आंशिक ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिखाते हैं, जो पूरे प्रोजेक्ट के लिए वैध नहीं होता। इसलिए पूरे प्रोजेक्ट या आपकी यूनिट के लिए अलग से जारी किया गया प्रमाणपत्र मांगें।

संपत्ति इतिहास प्रमाणपत्र

यह भी पढ़े:
Loan EMI Bounce लोन की EMI हो गई बाउंस तो कर लें ये 4 काम, खराब होने से बच जाएगा सिबिल स्कोर Loan EMI Bounce

एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट संपत्ति के पूरे इतिहास को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो पिछले कई वर्षों के दौरान उस संपत्ति पर हुए सभी लेन-देन की जानकारी प्रदान करता है। इससे यह पता चलता है कि संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद तो नहीं है, यह किसी बैंक के पास गिरवी तो नहीं है, या इस पर कोई लोन तो बकाया नहीं है। यह प्रमाणपत्र सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है और इसमें संपत्ति के सभी पिछले मालिकों की जानकारी होती है।

एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट की जांच करते समय कम से कम पिछले 20-30 वर्षों का रिकॉर्ड देखना चाहिए। यदि इसमें कोई संदिग्ध लेन-देन दिखाई दे या कोई कानूनी मामला पेंडिंग हो, तो ऐसी संपत्ति से बचना ही बेहतर होता है। यह दस्तावेज यह भी बताता है कि संपत्ति वास्तव में निजी है या सरकारी, क्योंकि कई बार सरकारी जमीन को निजी बताकर बेचने की कोशिश की जाती है।

अनापत्ति प्रमाणपत्र की जांच

यह भी पढ़े:
Bijli Bill Mafi Yojana Update बिजली बिल वाले खुशी से झूम उठेंगे! हर महीने 200 यूनिटी बिजली मुक्त मिलेंगे । Bijli Bill Mafi Yojana Update

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या अनापत्ति प्रमाणपत्र विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जारी किया जाने वाला दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि संबंधित विभाग को उस संपत्ति की बिक्री से कोई आपत्ति नहीं है। यह प्रमाणपत्र पुलिस विभाग, फायर डिपार्टमेंट, पर्यावरण विभाग, और स्थानीय नगर निगम या पंचायत से लेना पड़ सकता है। कई इलाकों में कुछ विशेष प्रकार की संपत्तियों की बिक्री पर प्रतिबंध होता है या विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है।

अनापत्ति प्रमाणपत्र की जांच करते समय सुनिश्चित करें कि यह सभी संबंधित विभागों से प्राप्त किया गया है और इसकी वैधता की अवधि समाप्त नहीं हुई है। यदि आप किसी बिल्डर से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो बिल्डर से सभी आवश्यक एनओसी की मांग करें। व्यक्तिगत विक्रेता के मामले में भी यह सुनिश्चित करें कि उसके पास सभी आवश्यक अनुमतियां हैं।

स्वामित्व प्रमाणपत्र की सत्यता

यह भी पढ़े:
Kcc Kisan Mafi List किसानों को 2 लाख तक कर्ज माफी हुआ, लिस्ट जारी चेक करे । Kcc Kisan Mafi List

स्वामित्व प्रमाणपत्र संपत्ति खरीदारी का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है क्योंकि यह संपत्ति के वास्तविक मालिकाना हक को स्थापित करता है। यह दस्तावेज आमतौर पर किसी योग्य वकील द्वारा तैयार किया जाता है और इसमें संपत्ति के कानूनी स्वामित्व का पूरा विवरण होता है। इसमें संपत्ति का सर्वे नंबर, क्षेत्रफल, सीमाएं, और वर्तमान मालिक की पूरी जानकारी शामिल होती है। यह प्रमाणपत्र यह भी बताता है कि संपत्ति का स्वामित्व कैसे वर्तमान मालिक के पास आया है।

स्वामित्व प्रमाणपत्र की जांच करते समय इसकी तैयारी में शामिल वकील की योग्यता और विश्वसनीयता की जांच करना आवश्यक है। यह दस्तावेज संपत्ति के पूरे कानूनी इतिहास को दर्शाता है और किसी भी संभावित कानूनी समस्या की पहचान करता है। प्रॉपर्टी खरीदते समय अनुभवी कानूनी सलाहकार की मदद लेना हमेशा बेहतर होता है जो इन सभी दस्तावेजों की गहराई से जांच कर सके और आपको सही सलाह दे सके।

Disclaimer

यह भी पढ़े:
Gold Rate सोना अब 1 लाख पर, 2025 के अंत तक इतने हो जाएंगे 10 ग्राम गोल्ड के रेट Gold Rate

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कानूनी सलाहकार और संबंधित अधिकारियों से सलाह अवश्य लें। यहां दी गई जानकारी केवल सूचनात्मक है और किसी भी कानूनी या वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group