आ गए आंकड़े, इस बार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इतना होगा इजाफा Dearness Allowance Update

By Meera Sharma

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Dearness Allowance Update

Dearness Allowance Update: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगी इस समय अपने महंगाई भत्ते में अगली बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत यह संभावित रूप से अंतिम महंगाई भत्ता वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इस आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है जो जनवरी 2025 से 2 प्रतिशत की वृद्धि के बाद लागू हुआ है।

आमतौर पर सरकार जुलाई से लागू होने वाली महंगाई भत्ता बढ़ोतरी की घोषणा दिवाली से पहले करती है। इस बार भी यही पैटर्न अपनाए जाने की संभावना है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बढ़ोतरी मामूली रहने की उम्मीद है और यह संभावित रूप से 2 से 3 प्रतिशत की सीमा में हो सकती है। यह अनुमान मुख्यतः देश में घटती महंगाई दर के आधार पर लगाया जा रहा है।

महंगाई दर में आई गिरावट का प्रभाव

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देश में खुदरा महंगाई इस साल मई में महत्वपूर्ण रूप से घटकर 6 साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह कमी मुख्यतः खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण आई है। इससे पहले खुदरा महंगाई फरवरी 2019 में 2.57 प्रतिशत रही थी। महंगाई में इस गिरावट का सीधा प्रभाव महंगाई भत्ते की गणना पर पड़ता है क्योंकि यह मुख्यतः उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित होता है।

थोक महंगाई की स्थिति भी इसी तरह की तस्वीर पेश करती है। मई महीने में थोक महंगाई घटकर 14 महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत आ गई है। अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत और मई 2024 में 2.74 प्रतिशत रही थी। खाने-पीने की चीजों, निर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में नरमी इस गिरावट की मुख्य वजह है। इन आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट है कि महंगाई भत्ते में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना कम है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति में बदलाव

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भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई में नरमी को देखते हुए जून महीने की अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कटौती की है। अब रेपो रेट 5.50 प्रतिशत हो गया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। यह कटौती अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने और विकास को गति देने के उद्देश्य से की गई है।

रेपो रेट में यह कमी अप्रत्यक्ष रूप से महंगाई भत्ते की गणना को भी प्रभावित करती है। जब महंगाई कम होती है और ब्याज दरें घटती हैं, तो सरकार के लिए महंगाई भत्ते में बड़ी बढ़ोतरी करने का औचित्य कम हो जाता है। इसीलिए इस बार महंगाई भत्ते में मामूली वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। हालांकि यह कर्मचारियों के लिए निराशाजनक हो सकता है, लेकिन आर्थिक दृष्टि से यह उचित लगता है।

वर्तमान महंगाई भत्ता स्थिति

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2025 में महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हुई। इस बढ़ोतरी से 48.66 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ हुआ है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा की है।

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जीवन-यापन की बढ़ती लागत से निपटने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए जरूरी है जिनकी आय निश्चित होती है और महंगाई के कारण उनकी खरीदारी की शक्ति घटती रहती है। वर्तमान में 55 प्रतिशत की दर से मिलने वाला महंगाई भत्ता कर्मचारियों की वेतन संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

आठवें वेतन आयोग की अनिश्चितता

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आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। प्रारंभिक उम्मीद थी कि मई या जून 2025 तक इस संबंध में कोई अपडेट आएगा, लेकिन जून भी समाप्त होने को है और अभी तक कोई विकास नहीं हुआ है। यह स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन रही है क्योंकि वे आठवें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

मूल योजना के अनुसार सरकार को अप्रैल तक आठवें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तें तय करके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करनी थी। उद्देश्य यह था कि पैनल 2026 के मध्य तक अपनी रिपोर्ट दे सके और उसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो सके। आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना थी, लेकिन अब यह समयसीमा संदिग्ध लग रही है।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

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सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है, जिससे आठवें वेतन आयोग का गठन अत्यंत आवश्यक हो गया है। देरी के कारण जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की संभावना काफी कम हो गई है। इससे कर्मचारियों को अपनी वेतन वृद्धि के लिए और अधिक इंतजार करना पड़ सकता है।

वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में जबकि महंगाई कम है और सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने पर ध्यान दे रही है, महंगाई भत्ते में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं लगता। फिर भी, कर्मचारियों की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह एक संतुलित निर्णय लेगी। आने वाले महीनों में महंगाई भत्ते और आठवें वेतन आयोग दोनों के संबंध में स्पष्टता आने की उम्मीद है।

Disclaimer

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यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और विशिष्ट वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है। महंगाई भत्ते और वेतन संबंधी नीतियों में सरकार के निर्णयों के अनुसार बदलाव हो सकते हैं। नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट देखें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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