8th Pay Commission: भारत सरकार द्वारा जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। यह निर्णय देश के लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। 8वें वेतन आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होने की उम्मीद है।
हालांकि सरकार ने आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी तक इसके अध्यक्ष, सदस्यों या निर्देशों की घोषणा नहीं की गई है। वर्तमान में आयोग समिति का गठन अभी भी लंबित है। इससे कर्मचारियों में आयोग की रिपोर्ट में देरी को लेकर चिंता बढ़ रही है।
सातवें वेतन आयोग की समाप्ति और नए आयोग की आवश्यकता
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है, जो 2016 में लागू किया गया था। केंद्रीय सरकार हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन करती है, जो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करता है। वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए हर 10 साल में स्थापित किए जाते हैं। बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए नए वेतन आयोग की मांग तेज हो गई है।
महंगाई दर (डीए) पहले ही 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जिससे कर्मचारी संघों की मांग है कि डीए को मूल वेतन के साथ मिला दिया जाए। जुलाई 2025 तक डीए पहले ही 50% तक पहुंच गया है, जिससे यह विलय आवश्यक और निकट हो गया है।
संभावित वेतन वृद्धि और फिटमेंट फैक्टर
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को काफी बड़ी वेतन वृद्धि की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूनतम मूल वेतन वर्तमान के 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये से 34,560 रुपये के बीच हो सकता है। 8वें वेतन आयोग का वेतन वृद्धि 20% से 35% के बीच हो सकती है। यह वृद्धि फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करती है, जो वर्तमान में 2.57 है।
संकेत हैं कि 8वां वेतन आयोग मूल वेतन में 3.5 गुना से 4 गुना तक की वृद्धि का प्रस्ताव दे सकता है। मौजूदा फिटमेंट फैक्टर (2.57) को 3.00 या उससे अधिक तक बढ़ाया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की वेतन में 30-40 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है, जो दशकों में सबसे बड़ी वेतन वृद्धि होगी।
आयोग की कार्यप्रणाली और लागू होने की संभावित तारीख
8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि, रिपोर्ट तैयार करने में समय लगने के कारण इसमें देरी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट 2026 के अंत तक देरी से आ सकती है। आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने में आमतौर पर 18-24 महीने का समय लगता है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि नया वेतन आयोग 2026 तक बनने की संभावना है। यदि सरकार 2025 में आयोग की नियुक्ति करती है, तो इसमें केवल 18-24 महीने लगेंगे। कार्यान्वयन 2027 तक आ सकता है।
पेंशन और अन्य लाभों में सुधार
8वें वेतन आयोग से न केवल वेतन बल्कि पेंशन व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। 8वां वेतन आयोग पेंशन प्रणाली को बेहतर बनाने की उम्मीद है, जिससे लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों का जीवन बेहतर होगा। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है, जो बढ़कर 17,280 रुपये तक हो सकती है।
आयोग द्वारा संशोधित करियर प्रगति योजना (MACP) में भी सुधार की संभावना है, जिससे कर्मचारियों को अपने करियर में कम से कम पांच बार प्रमोशन मिल सकेगा। इससे कर्मचारियों की प्रगति के अवसर बढ़ेंगे।
कर्मचारी संघों की मांगें और तैयारियां
राष्ट्रीय परिषद-संयुक्त सलाहकार मशीनरी (NC-JCM) फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम वेतन, वेतन स्केल, भत्ते, प्रमोशन नीति और पेंशन लाभों पर मांगों को रेखांकित करते हुए एक “सामान्य ज्ञापन” तैयार करेगी। यह ज्ञापन 13 सदस्यीय समिति द्वारा तैयार किया जाएगा और जून 2025 में अंतिम रूप दिया जाएगा।
कर्मचारी संघ डीए को मूल वेतन के साथ मिलाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यह पहले ही 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है। इससे वेतन संरचना को सरल बनाने और महंगाई समायोजन में मदद मिलेगी।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग के सामने मुख्य चुनौती आर्थिक स्थिरता और कर्मचारी कल्याण के बीच संतुलन बनाना है। मोदी सरकार का फोकस कर्मचारी लाभ को आर्थिक व्यवहार्यता के साथ संतुलित करने पर है। सरकार को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वेतन वृद्धि से राजकोषीय घाटा न बढ़े।
आयोग की देरी के कारण कर्मचारियों को जनवरी 2026 से पिछली तारीख से भुगतान (एरियर) मिल सकता है। यदि कार्यान्वयन जनवरी 2026 से पीछे की तारीख से होता है तो एरियर का भुगतान किया जाएगा। यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि अभी तक आयोग के गठन में देरी हो रही है, लेकिन इससे मिलने वाले लाभ काफी व्यापक होंगे। वेतन में संभावित 30-40 प्रतिशत की वृद्धि, पेंशन में सुधार और बेहतर भत्ते कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएंगे। सरकार को जल्द से जल्द आयोग का गठन करके कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा करना चाहिए।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और आधिकारिक सरकारी नीति का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। सभी जानकारी उपलब्ध समाचार स्रोतों और विशेषज्ञों के विश्लेषण पर आधारित है। अंतिम निर्णय और नियम सरकारी अधिसूचना के अनुसार ही मान्य होंगे।