कितने सिबिल स्कोर पर मिलता है सबसे सस्ता लोन, बैंक जाने से पहले जान लें ये जरूरी बात CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आज के समय में अपना घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन लगातार बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों के कारण यह सपना पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। ऐसी स्थिति में होम लोन एक महत्वपूर्ण विकल्प बनकर सामने आता है जो लोगों को अपने सपनों का घर खरीदने में मदद करता है। हालांकि, होम लोन प्राप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक आपका सिबिल स्कोर होता है। यह स्कोर न केवल आपके लोन अप्रूवल की संभावना तय करता है बल्कि ब्याज दर भी निर्धारित करता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर आपको न केवल आसानी से लोन दिलाता है बल्कि बेहतर शर्तों पर भी मिलता है।

बैंक और वित्तीय संस्थाएं होम लोन देने से पहले आवेदक की वित्तीय स्थिति का गहरा अध्ययन करती हैं। इस प्रक्रिया में सिबिल स्कोर एक निर्णायक भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यक्ति की पूरी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। आज के डिजिटल युग में जब सभी वित्तीय गतिविधियां रिकॉर्ड होती हैं, सिबिल स्कोर का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए होम लोन की योजना बनाते समय सबसे पहले अपने सिबिल स्कोर को जांचना और उसे बेहतर बनाने की दिशा में काम करना जरूरी है।

सिबिल स्कोर की समझ और इसका महत्व

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सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच होता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, लोन रीपेमेंट का रिकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड के उपयोग और वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है। सिबिल स्कोर का निर्माण आपके पिछले कई सालों के वित्तीय व्यवहार के आधार पर होता है। इसमें आपके क्रेडिट कार्ड की पेमेंट हिस्ट्री, पुराने लोन की चुकौती, क्रेडिट उपयोग का अनुपात और नए क्रेडिट एकाउंट्स की जानकारी शामिल होती है।

सिबिल स्कोर का महत्व इसलिए है कि यह बैंकों को बताता है कि आप कितने भरोसेमंद उधारकर्ता हैं। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो इसका मतलब है कि आपने अतीत में अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को समय पर निभाया है। इससे बैंकों का आप पर भरोसा बढ़ता है और वे आपको कम ब्याज दर पर लोन देने को तैयार होते हैं। वहीं कम सिबिल स्कोर से पता चलता है कि आपकी वित्तीय अनुशासन में कमी है, जिससे बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानते हैं।

सिबिल स्कोर की श्रेणियां और उनका वर्गीकरण

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सिबिल स्कोर को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है जो आपकी क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाती हैं। 300 से 550 के बीच का स्कोर खराब माना जाता है और इस रेंज में लोन मिलना बेहद मुश्किल होता है। यदि किसी तरह लोन मिल भी जाता है तो ब्याज दर काफी ज्यादा होती है। 550 से 650 के बीच का स्कोर औसत माना जाता है, इस रेंज में लोन मिल सकता है लेकिन शर्तें सख्त होती हैं और ब्याज दर भी अधिक होती है।

650 से 750 के बीच का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है और इस रेंज में आपको होम लोन आसानी से मिल जाता है। बैंक इस स्कोर रेंज वाले ग्राहकों को प्राथमिकता देते हैं और बेहतर ब्याज दर भी ऑफर करते हैं। 750 से 900 के बीच का स्कोर सबसे बेहतरीन माना जाता है। इस रेंज वाले ग्राहकों को सबसे कम ब्याज दर पर लोन मिलता है और बैंक उन्हें विशेष सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। उन्हें लोन प्रोसेसिंग में भी प्राथमिकता मिलती है।

सस्ते होम लोन के लिए आदर्श सिबिल स्कोर

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सस्ते होम लोन पाने के लिए आपका सिबिल स्कोर कम से कम 650 से 750 के बीच होना चाहिए। इस रेंज में बैंक आपको होम लोन देने के लिए तैयार होते हैं और ब्याज दर भी तुलनात्मक रूप से कम होती है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो यह और भी बेहतर है क्योंकि इससे आपको सबसे कम ब्याज दर मिलने की संभावना रहती है। बैंक ऐसे ग्राहकों को प्रीमियम ग्राहक मानते हैं और उन्हें विशेष छूट भी देते हैं।

वित्तीय संस्थाएं आमतौर पर 750 से ऊपर सिबिल स्कोर वाले ग्राहकों को सबसे अच्छी दरें ऑफर करती हैं। कई बार ऐसे ग्राहकों को प्रोसेसिंग फीस में छूट, बीमा प्रीमियम में कमी और तेज लोन अप्रूवल जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं। इसके अलावा उच्च सिबिल स्कोर वाले ग्राहकों को अधिक लोन अमाउंट भी मिलता है और डाउन पेमेंट की आवश्यकता कम होती है। यह सभी कारक मिलकर आपके होम लोन को काफी सस्ता बना देते हैं।

सिबिल स्कोर सुधारने के प्रभावी तरीके

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यदि आपका सिबिल स्कोर वांछित स्तर पर नहीं है तो इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करें और किसी भी गलत जानकारी को सुधारवाएं। क्रेडिट कार्ड और लोन की ईएमआई को हमेशा समय पर भरें क्योंकि देर से पेमेंट सिबिल स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट का केवल 30 प्रतिशत तक ही उपयोग करें।

पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद न करें क्योंकि लंबी क्रेडिट हिस्ट्री सिबिल स्कोर के लिए फायदेमंद होती है। एक साथ कई जगह लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें क्योंकि इससे हार्ड इंक्वायरी बढ़ती है जो स्कोर को नुकसान पहुंचाती है। यदि कोई पुराना बकाया है तो उसे जल्द से जल्द साफ करें। सिबिल स्कोर में सुधार एक धीमी प्रक्रिया है जिसमें 6 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है।

होम लोन लेते समय अन्य महत्वपूर्ण कारक

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सिबिल स्कोर के अलावा भी कई कारक होम लोन की ब्याज दर को प्रभावित करते हैं। आपकी आय, नौकरी की स्थिरता, डाउन पेमेंट की राशि और प्रॉपर्टी का स्थान भी महत्वपूर्ण हैं। एक स्थिर और अच्छी आय वाले व्यक्ति को बेहतर दरें मिलती हैं। अधिक डाउन पेमेंट करने से भी ब्याज दर में कमी मिल सकती है। प्रॉपर्टी का स्थान और उसकी मार्केट वैल्यू भी लोन की शर्तों को प्रभावित करती है।

विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करना भी जरूरी है क्योंकि अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग दरें होती हैं। होम लोन लेने से पहले अपनी पूरी वित्तीय स्थिति का आकलन करें और यह सुनिश्चित करें कि आप आसानी से ईएमआई चुका सकें। लोन टेन्योर का चुनाव भी सोच-समझकर करें क्योंकि लंबे टेन्योर में कम ईएमआई होती है लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।

होम लोन लेना एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय है जिसमें सिबिल स्कोर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। 650 से ऊपर का सिबिल स्कोर आपको सस्ते होम लोन दिलाने में मदद कर सकता है। होम लोन लेने की योजना बनाते समय पहले से ही अपने सिबिल स्कोर पर काम करना शुरू कर देना चाहिए। वित्तीय अनुशासन बनाए रखना और नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करना आवश्यक है। याद रखें कि एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल होम लोन बल्कि भविष्य की सभी वित्तीय जरूरतों के लिए फायदेमंद होता है।

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Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य शिक्षा और जानकारी के उद्देश्य से है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना आवश्यक है। सिबिल स्कोर और लोन की शर्तें विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों में अलग हो सकती हैं। लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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