DA Hike: साल 2025 की पहली छमाही में केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में केवल 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली थी जो उनकी उम्मीदों से काफी कम थी। जनवरी से जून 2025 की अवधि के लिए डीए 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया था। यह वृद्धि कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों के लिए निराशाजनक थी क्योंकि वे अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। बढ़ती महंगाई के दौर में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि उनकी वित्तीय जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं थी।
कर्मचारी संगठनों ने इस कम वृद्धि पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी और सरकार से बेहतर डीए हाइक की मांग की थी। हालांकि अब दूसरी छमाही के लिए स्थिति बेहतर दिख रही है और कर्मचारियों में एक नई उम्मीद जगी है। जुलाई से दिसंबर 2025 की अवधि के लिए डीए की घोषणा सितंबर या अक्टूबर में होने की संभावना है और इस बार बेहतर बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम डीए हाइक
जुलाई से दिसंबर 2025 की छमाही के लिए होने वाली डीए बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग के तहत संभावित रूप से अंतिम वृद्धि हो सकती है। सरकार की योजना के अनुसार 1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक आठवें वेतन आयोग के लिए किसी समिति का गठन नहीं हुआ है जो चिंता का विषय है। सरकार ने इसी साल जनवरी में वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस स्थिति के कारण सातवें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली यह अंतिम डीए हाइक और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कर्मचारी चाहते हैं कि यह बढ़ोतरी उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो। आठवें वेतन आयोग के देर से आने की स्थिति में कर्मचारियों को लंबे समय तक इसी डीए दर के साथ काम चलाना पड़ सकता है। इसलिए वे इस बार एक अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सकारात्मक बदलाव
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशी की बात यह है कि औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। अप्रैल 2025 में इस सूचकांक में 0.5 अंक की वृद्धि दर्ज की गई है जिससे यह 143.5 पर पहुंच गया है। यह जनवरी 2025 में दर्ज किए गए 143.2 के आंकड़े से काफी बेहतर है। यह सूचकांक डीए की गणना के लिए मुख्य आधार होता है इसलिए इसमें वृद्धि का मतलब है कि डीए हाइक की संभावना बढ़ गई है।
खास बात यह है कि यह लगातार दूसरा महीना है जब सूचकांक में बढ़ोतरी देखी गई है। इससे पहले जनवरी और फरवरी 2025 में इस सूचकांक में गिरावट आई थी जिसका नकारात्मक प्रभाव पहली छमाही के डीए हाइक पर पड़ा था। अब यदि मई और जून के महीनों में भी सूचकांक में वृद्धि जारी रहती है तो दूसरी छमाही के लिए डीए में 3 से 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
श्रम ब्यूरो की भूमिका और डेटा संग्रह प्रक्रिया
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाला श्रम ब्यूरो औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार करने का महत्वपूर्ण काम करता है। यह संस्था देश के 88 प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में फैले 317 बाजारों से खुदरा कीमतों का डेटा एकत्र करती है। इस व्यापक डेटा संग्रह के आधार पर हर महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया जाता है। यह प्रक्रिया काफी वैज्ञानिक और पारदर्शी है जिससे सूचकांक की विश्वसनीयता बनी रहती है।
इस सूचकांक में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में होने वाले बदलाव को शामिल किया जाता है। खाद्य पदार्थ, कपड़े, आवास, परिवहन, मनोरंजन और अन्य जरूरी सामानों की कीमतों का औसत निकालकर यह सूचकांक तैयार किया जाता है। सरकार इसी सूचकांक के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के डीए की दर तय करती है। जब यह सूचकांक बढ़ता है तो डीए भी बढ़ता है और जब घटता है तो डीए की वृद्धि दर कम हो जाती है।
आने वाले महीनों की संभावनाएं
मई और जून 2025 के महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े अभी भी आना बाकी हैं। यदि इन महीनों में भी सूचकांक में वृद्धि जारी रहती है तो दूसरी छमाही के लिए डीए में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है। कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहा तो 3 से 4 प्रतिशत तक की डीए वृद्धि संभव है। यह पहली छमाही की 2 प्रतिशत वृद्धि से काफी बेहतर होगी।
हालांकि अभी भी यह सब अनुमान पर आधारित है और असल घोषणा सितंबर या अक्टूबर में ही होगी। सरकार अपनी वित्तीय स्थिति और अन्य कारकों को भी ध्यान में रखकर डीए की दर तय करती है। फिर भी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में आ रहे सकारात्मक बदलाव से कर्मचारियों में उम्मीद जगी है। यदि यह अनुमान सही साबित होता है तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका फायदा मिलेगा।
कर्मचारियों की अपेक्षाएं और चुनौतियां
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से बेहतर डीए हाइक की मांग कर रहे हैं। बढ़ती महंगाई के दौर में उनकी जीवन यापन की लागत लगातार बढ़ रही है लेकिन डीए की वृद्धि उसके अनुपात में नहीं हो रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि डीए का मूल उद्देश्य ही महंगाई के प्रभाव को कम करना है इसलिए इसमें पर्याप्त वृद्धि होनी चाहिए। वे चाहते हैं कि दूसरी छमाही में डीए में कम से कम 4 प्रतिशत की वृद्धि हो।
हालांकि सरकार की अपनी वित्तीय बाध्यताएं हैं और वह हर डीए हाइक के साथ होने वाले खर्च को भी ध्यान में रखती है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की संख्या लाखों में है इसलिए डीए में थोड़ी सी भी वृद्धि से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। फिर भी उम्मीद है कि सरकार कर्मचारियों की जरूरतों को समझते हुए उचित डीए हाइक की घोषणा करेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए दूसरी छमाही में बेहतर डीए हाइक की संभावना एक सकारात्मक संकेत है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में आ रहे सुधार से उम्मीद बंधी है कि इस बार पहली छमाही से बेहतर वृद्धि मिल सकती है। सातवें वेतन आयोग के तहत यह संभावित अंतिम डीए हाइक होने के कारण इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। कर्मचारी संगठन और कर्मचारी सभी सरकार की आधिकारिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतों को समझते हुए उचित निर्णय लेगी।
Disclaimer
यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। डीए हाइक संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय केवल भारत सरकार द्वारा ही लिया जाएगा। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।