Fastag Annual Pass: केंद्रीय परिवहन मंत्री ने हाल ही में वाहन चालकों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है जिसके तहत मात्र 3000 रुपये में पूरे साल का टोल पास मिलेगा। यह पहल उन यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद है जो नियमित रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करते हैं और उन्हें बार-बार टोल का भुगतान करना पड़ता है। इस नई व्यवस्था से वाहन चालकों की सुविधा बढ़ेगी और उनके समय की भी बचत होगी।
यह योजना विशेष रूप से उन व्यापारियों और यात्रियों के लिए बनाई गई है जो महीने में कई बार लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। पहले इन लोगों को हर टोल प्लाजा पर अलग-अलग भुगतान करना पड़ता था जिससे न केवल पैसे की समस्या होती थी बल्कि समय भी बर्बाद होता था। अब इस वार्षिक पास से यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
वार्षिक पास की सीमा और नियम
इस वार्षिक टोल पास के तहत वाहन चालक एक साल में केवल 200 टोल नाकों से मुफ्त गुजर सकते हैं। यह संख्या उन लोगों के लिए पर्याप्त है जो मध्यम मात्रा में यात्रा करते हैं। हालांकि यह योजना सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा पर ही लागू होगी। राज्य सरकार के अधीन आने वाले राज्य राजमार्गों के टोल बूथों पर यह पास मान्य नहीं होगा।
इस सीमा का मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति 200 से अधिक टोल प्लाजा से गुजरता है तो उसे अतिरिक्त टोल का भुगतान करना पड़ेगा। यह व्यवस्था इसलिए रखी गई है ताकि योजना का दुरुपयोग न हो और सामान्य यात्रियों को वास्तविक लाभ मिल सके। 200 टोल प्लाजा की सीमा एक औसत यात्री के लिए पूरे साल के लिए पर्याप्त है।
देश में NHAI टोल प्लाजा की संख्या
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोल सूचना प्रणाली के अनुसार वर्तमान में देश में कुल 1057 NHAI टोल प्लाजा मौजूद हैं। ये टोल प्लाजा कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैले हुए हैं और सभी पर यह 3000 रुपये का वार्षिक पास मान्य होगा। इतनी बड़ी संख्या में टोल प्लाजा का मतलब यह है कि अधिकतर प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को इस पास का लाभ मिलेगा।
इन टोल प्लाजा में सबसे अधिक संख्या राजस्थान में है जहां 142 टोल प्लाजा हैं। उत्तर प्रदेश में 123 टोल प्लाजा हैं जो दूसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश में 97 और महाराष्ट्र में 87 टोल प्लाजा मौजूद हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर भारत के राज्यों में अधिक टोल प्लाजा हैं जहां यात्रियों को अधिक लाभ मिलेगा।
प्रमुख राज्यों में टोल प्लाजा का वितरण
उत्तर भारत के राज्यों में टोल प्लाजा की स्थिति देखें तो उत्तराखंड में 58 टोल प्लाजा हैं जबकि हरियाणा में 56 टोल प्लाजा मौजूद हैं। पंजाब में 36 टोल प्लाजा हैं और बिहार में 33 टोल प्लाजा हैं। दिल्ली में केवल 11 टोल प्लाजा हैं क्योंकि यह एक छोटा राज्य है। चंडीगढ़ में केवल 1 टोल प्लाजा है जो इसके छोटे आकार के कारण है।
दक्षिण भारत की स्थिति देखें तो आंध्र प्रदेश में 78 टोल प्लाजा हैं। पूर्वी भारत में झारखंड में 17 टोल प्लाजा हैं और छत्तीसगढ़ में 25 टोल प्लाजा मौजूद हैं। यह वितरण दिखाता है कि देश के सभी हिस्सों में NHAI के टोल प्लाजा फैले हुए हैं और वार्षिक पास का लाभ सभी क्षेत्रों के यात्रियों को मिलेगा।
टोल प्लाजा की जानकारी कैसे प्राप्त करें
यात्रियों की सुविधा के लिए NHAI ने एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है जहां से टोल प्लाजा की पूरी जानकारी मिल सकती है। इसके लिए यात्रियों को tis.nhai.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। होम पेज पर टोल प्लाजा के बटन पर क्लिक करने के बाद “At a Glance” विकल्प चुनना होगा। इससे सभी राज्यों की टोल प्लाजा की सूची मिल जाएगी।
यदि यात्री दो स्थानों के बीच टोल प्लाजा की जानकारी चाहते हैं तो वे “On Map” विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। यहां शुरुआती और अंतिम गंतव्य भरकर वाहन का प्रकार चुनना होगा। इसके बाद सिस्टम पूरे रूट की टोल प्लाजा की जानकारी दे देगा जिससे यात्री पहले से ही अपनी यात्रा की योजना बना सकेंगे।
राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे की सुविधा
वर्तमान में देश में 11 राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे हैं जिनमें से 8 पूरी तरह से चालू हैं और 3 का निर्माण कार्य चल रहा है। इन सभी एक्सप्रेसवे पर भी वार्षिक पास मान्य होगा और यात्रियों को अलग से टोल नहीं देना पड़ेगा। इनमें अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे, पूर्वी परिधीय एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
अन्य महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, अवध एक्सप्रेसवे और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे भी शामिल हैं। ये सभी एक्सप्रेसवे तेज गति से यात्रा की सुविधा प्रदान करते हैं और इन पर वार्षिक पास का उपयोग करने से यात्रियों को काफी बचत होगी। एक्सप्रेसवे पर सामान्यतः टोल दर अधिक होती है इसलिए यहां मुफ्त यात्रा का अधिक फायदा मिलेगा।
राज्य राजमार्गों पर पास की वैधता
यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह वार्षिक पास केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही मान्य होगा। राज्य सरकार के अधीन आने वाले राज्य राजमार्गों के टोल प्लाजा पर यह पास काम नहीं करेगा। उदाहरण के लिए यमुना एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आता है इसलिए वहां इस पास का उपयोग नहीं हो सकेगा। दिल्ली से आगरा की यात्रा करने वाले यात्रियों को यमुना एक्सप्रेसवे पर अलग से टोल देना पड़ेगा।
इसी तरह अन्य राज्यों के राज्य राजमार्गों पर भी यह पास मान्य नहीं होगा। यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे किस प्रकार के राजमार्ग पर यात्रा कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग की पहचान करने के लिए सड़क के किनारे लगे बोर्ड देखे जा सकते हैं।
वार्षिक पास के आर्थिक लाभ
3000 रुपये के वार्षिक पास का सबसे बड़ा फायदा आर्थिक बचत है। एक सामान्य कार के लिए लंबी दूरी की यात्रा में कई हजार रुपये टोल में खर्च हो जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति साल में 10-15 बार लंबी यात्रा करता है तो उसका टोल खर्च आसानी से 10000 रुपये से अधिक हो सकता है। ऐसी स्थिति में 3000 रुपये का वार्षिक पास काफी फायदेमंद साबित होगा।
इसके अलावा समय की बचत भी एक महत्वपूर्ण लाभ है। FASTag के साथ वार्षिक पास का उपयोग करने से टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा और यात्रा में तेजी आएगी। व्यापारियों और नियमित यात्रियों के लिए यह समय की बचत बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनकी कार्य दक्षता बढ़ेगी। यह योजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का भी हिस्सा है जो कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देती है।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। FASTag वार्षिक पास की वास्तविक शर्तें और नियम सरकारी अधिसूचना के अनुसार हो सकते हैं। टोल प्लाजा की संख्या और स्थान में समय के साथ बदलाव हो सकता है। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए NHAI की आधिकारिक वेबसाइट या परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना देखना उचित होगा।