Gold Price: पिछले कुछ महीनों से सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही थी जिससे आम खरीदार परेशान हो गए थे। लेकिन अब बाजार में एक अप्रत्याशित मोड़ आया है और सोने की कीमतों में अचानक तेज गिरावट दर्ज की जा रही है। यह गिरावट उन सभी लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है जो महंगी कीमतों के कारण सोने की खरीदारी से बच रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कीमतों में आई कमी अस्थायी हो सकती है इसलिए खरीदारों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए।
हाल की घटनाओं में सोने की कीमतों में जो गिरावट आई है वह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबे समय बाद इतनी बड़ी कमी देखने को मिली है। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में आई नरमी, डॉलर की मजबूती और स्थानीय मांग में कमी इस गिरावट के मुख्य कारण हैं। यह स्थिति खरीदारों के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि अब वे अपने बजट में बेहतर क्वालिटी का सोना खरीद सकते हैं। इस गिरावट से न केवल व्यक्तिगत खरीदार बल्कि ज्वेलरी बिजनेस से जुड़े लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं।
शादी-विवाह सीजन और सोने की मांग
भारतीय बाजार में शादी-विवाह का सीजन समाप्त होने के बाद भी सोने और चांदी के गहनों की मांग निरंतर बनी हुई है। त्योहारी सीजन की तैयारी, निवेश की दृष्टि से खरीदारी और व्यक्तिगत गहनों की आवश्यकता के कारण लोग लगातार सोना खरीद रहे हैं। कम कीमतों के कारण अब खरीदारों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। सर्राफा बाजार के व्यापारियों का कहना है कि जिन ग्राहकों ने पहले महंगे दामों के कारण खरीदारी स्थगित कर दी थी, वे अब दुकानों में आने लगे हैं।
वर्तमान में 22 कैरेट सोने की कीमत 93,800 रुपए प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने की कीमत 98,490 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह कीमत पिछले कुछ महीनों की तुलना में काफी कम है और खरीदारों के लिए आकर्षक है। चांदी की स्थिति देखें तो इसकी कीमत 1,20,000 रुपए प्रति किलोग्राम स्थिर रही है। चांदी में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है लेकिन स्थिर कीमत भी खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। इस स्थिरता से निवेशक और ज्वेलरी खरीदारों दोनों को फायदा हो रहा है।
प्रमुख शहरों में सोने की वर्तमान कीमतें
अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतों में भिन्नता होती रहती है लेकिन इस बार की गिरावट सभी जगह समान रूप से दिखाई दे रही है। रांची के सर्राफा बाजार के आंकड़ों के अनुसार 22 कैरेट सोना कल 94,850 रुपए प्रति 10 ग्राम था जो आज घटकर 93,800 रुपए हो गया है। इसका मतलब है कि एक ही दिन में 1,050 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमी आई है। 24 कैरेट सोने की स्थिति और भी बेहतर है जहां कल की कीमत 99,590 रुपए से घटकर आज 98,490 रुपए हो गई है, यानी 1,100 रुपए की गिरावट।
यह गिरावट केवल एक शहर तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश के प्रमुख शहरों में समान ट्रेंड देखा जा रहा है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अन्य मेट्रो शहरों में भी सोने की कीमतों में इसी तरह की कमी दर्ज की गई है। स्थानीय टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट के कारण कीमतों में मामूली अंतर हो सकता है लेकिन समग्र ट्रेंड सभी जगह गिरावट का ही है। इस व्यापक गिरावट से पता चलता है कि यह कोई स्थानीय कारक नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कारकों का परिणाम है। ज्वेलरी एसोसिएशन के मुताबिक यह ट्रेंड आने वाले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है।
सोने की कीमतों में गिरावट के मुख्य कारण
सोने की कीमतों में आई इस अचानक गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर की मजबूती सोने की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है क्योंकि सोना डॉलर में ट्रेड होता है। जब डॉलर मजबूत होता है तो अन्य मुद्राओं में सोना महंगा हो जाता है जिससे मांग कम हो जाती है। फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है और हाल की घटनाओं में यह सोने के विपक्ष में गई है।
घरेलू स्तर पर देखें तो शादी-विवाह का मुख्य सीजन समाप्त होने से मांग में कमी आई है। भारतीय त्योहारी कैलेंडर के अनुसार अभी कोई बड़ा त्योहार नहीं है जिससे सोने की खरीदारी में वृद्धि हो। इसके अलावा इक्विटी मार्केट में तेजी के कारण निवेशक सोने से अन्य विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। आर्थिक स्थिरता और महंगाई दर में कमी भी सोने की कीमतों पर दबाव डाल रही है। इन सभी कारकों का संयुक्त प्रभाव वर्तमान गिरावट के रूप में दिखाई दे रहा है।
चांदी की स्थिर कीमतें और बाजार की स्थिति
जहां सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी जा रही है वहीं चांदी की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर रही हैं। प्रति किलोग्राम चांदी की कीमत 1,20,000 रुपए पर बनी हुई है और पिछले कुछ दिनों से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। चांदी की यह स्थिरता दर्शाती है कि इसकी मांग और सप्लाई में संतुलन बना हुआ है। औद्योगिक उपयोग में चांदी की बढ़ती मांग इसकी कीमतों को स्थिर रखने में मदद कर रही है।
चांदी की स्थिर कीमतें निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं क्योंकि यह दिखाता है कि इस धातु में अस्थिरता कम है। सोने की तुलना में चांदी अधिक औद्योगिक उपयोग में आती है जिससे इसकी मांग निरंतर बनी रहती है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, मेडिकल इक्विपमेंट और अन्य टेक्नोलॉजी सेक्टर में चांदी का व्यापक उपयोग होता है। इसके अलावा ज्वेलरी और सिक्कों के रूप में भी चांदी की अच्छी मांग रहती है। वर्तमान स्थिर कीमतें छोटे निवेशकों के लिए भी आकर्षक हैं जो सोने की तुलना में कम निवेश के साथ प्रेशियस मेटल में पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं।
सोना खरीदते समय महत्वपूर्ण सावधानियां
कम कीमतों के इस दौर में सोना खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहली और जरूरी बात यह है कि हमेशा हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें। हॉलमार्क भारत सरकार की ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) द्वारा दी जाने वाली गुणवत्ता की गारंटी है। बिना हॉलमार्क का सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती। 22 कैरेट सोने का हॉलमार्क नंबर 916 होता है जबकि 24 कैरेट का 999 होता है।
सोना खरीदते समय हमेशा विश्वसनीय ज्वेलर से ही खरीदारी करें और पूरी रसीद जरूर लें। रसीद में सोने का वजन, कैरेट, हॉलमार्क नंबर, मेकिंग चार्ज और टोटल अमाउंट स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। यदि आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीद रहे हैं तो गहने के बजाय कॉइन या बार खरीदना बेहतर होता है क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज कम या नहीं होता। वर्तमान कीमतों में गिरावट का फायदा उठाने के लिए SIP के जरिए भी गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। बाजार की अस्थिरता को देखते हुए एक साथ बड़ी मात्रा में खरीदारी के बजाय छोटी मात्रा में नियमित खरीदारी करना अधिक समझदारी है।
भविष्य की संभावनाएं और निवेश की सलाह
वर्तमान में सोने की कीमतों में आई गिरावट अस्थायी हो सकती है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक अच्छा खरीदारी का मौका है। लेकिन निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार की स्थिति को समझकर ही निर्णय लेना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक नीतियां और स्थानीय त्योहारी मांग जैसे कारक सोने की कीमतों को प्रभावित करते रहते हैं। आने वाले महीनों में त्योहारी सीजन शुरू होने से मांग बढ़ सकती है जिससे कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है।
निवेश की दृष्टि से देखें तो सोना हमेशा एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है खासकर आर्थिक अनिश्चितता के दौर में। वर्तमान कम कीमतें लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक हैं। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि पोर्टफोलियो का केवल 5-10 प्रतिशत हिस्सा ही सोने में निवेश करना चाहिए। डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे आधुनिक विकल्प भी उपलब्ध हैं जो फिजिकल गोल्ड के अलावा निवेश के अन्य तरीके प्रदान करते हैं।
Disclaimer
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान की गई है। सोने और चांदी की कीमतें बाजार की स्थिति के अनुसार लगातार बदलती रहती हैं। निवेश से पहले बाजार की वर्तमान स्थिति की जांच करें और आवश्यकता होने पर वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। निवेश में जोखिम शामिल है और पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं है।