सोना की कीमतों में भारी गिरावट , जानिए 22 कैरेट और 24 कैरेट ताजा कीमत । Gold Price

By Meera Sharma

Published On:

Gold Price

Gold Price: हाल के सप्ताहों में सोने की कीमतों ने अपना नया इतिहास रचते हुए ऐसी ऊंचाई छुई थी जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन बाजार में कुछ भी स्थिर नहीं रहता और अब सोने की कीमतों में एक बार फिर से गिरावट का दौर शुरू हो गया है। 21 जून 2025 के दिन भारतीय सराफा बाजार में सोने की कीमतों में मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य कमी देखने को मिली है। यह गिरावट ग्राहकों के साथ-साथ निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रही है। इस बदलाव से पता चलता है कि कीमती धातुओं का बाजार कितना संवेदनशील और तेजी से बदलने वाला होता है।

विशेषज्ञों की राय और बाजार विश्लेषण

आनंद राठी शेयर्स एवं स्टॉक ब्रोकर कंपनी के कमोडिटी विभाग के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट मनीष शर्मा ने इस गिरावट के पीछे के कारणों पर विस्तार से चर्चा की है। उनके अनुसार एशियाई कारोबारी सत्र के दौरान सोना 2,630 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर पहुंच गया था। यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती के कारण हुई है जो सोने की कीमतों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। इसके साथ ही अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की दरों में वृद्धि और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान से जुड़े शुल्क नीतियों की वजह से महंगाई की चिंताएं भी इस गिरावट में योगदान दे रही हैं।

यह भी पढ़े:
DA Hike News आ गई बड़ी खुशखबरी !! किसकी कितनी होगी सैलरी, यहां से जाने पूरी अपडेट DA Hike News

चांदी के बाजार में दिखी अलग तस्वीर

जहां सोने की कीमतों में गिरावट आई है वहीं चांदी का बाजार बिल्कुल विपरीत दिशा में चल रहा है। पिछले पांच दिनों की लगातार गिरावट के बाद चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। चांदी की कीमत 200 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़कर 92,700 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है जबकि पिछले दिन का बंद भाव 92,500 रुपए प्रति किलोग्राम था। यह चांदी के बाजार की मजबूती को दर्शाता है और यह बताता है कि औद्योगिक मांग तथा निवेशकों की रुचि अभी भी इस सफेद धातु में बनी हुई है। सोने और चांदी की कीमतों में यह विपरीत गति दोनों धातुओं के अलग-अलग बाजार कारकों को दिखाती है।

आज के ताजा भाव और कीमत संरचना

यह भी पढ़े:
PM Kisan 20th Kist Update पीएम किसान की 20वी किस्त ₹4000 खाते में भेजे गए, लिस्ट चेक करें PM Kisan 20th Kist Update

21 जून 2025 के दिन भारतीय बाजार में सोने की कीमतों की स्थिति देखें तो 24 कैरेट सोना 93,200 से 93,400 रुपए प्रति 10 ग्राम के बीच कारोबार कर रहा है। यह सबसे शुद्ध सोना माना जाता है और निवेश के लिए सबसे उपयुक्त होता है। वहीं 22 कैरेट सोना जो आभूषण बनाने के काम आता है, 89,459 से 89,659 रुपए प्रति 10 ग्राम के दायरे में मिल रहा है। 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमत में अंतर इनकी शुद्धता के कारण होता है। 22 कैरेट सोने में अन्य धातुओं का मिश्रण होता है जो इसे मजबूत बनाता है लेकिन शुद्धता कम हो जाती है।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों का तुलनात्मक अध्ययन

भारत के विभिन्न महानगरों में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं जो स्थानीय कर, परिवहन लागत और क्षेत्रीय मांग के कारण होता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 22 कैरेट सोना 90,550 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव से मिल रहा है। वित्तीय राजधानी मुंबई में यही सोना 94,560 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव से बिक रहा है जो सबसे महंगा है। कोलकाता में सोने की कीमत 94,550 रुपए प्रति 10 ग्राम है जो मुंबई के लगभग बराबर है। दक्षिण भारत के चेन्नई में सोना सबसे सस्ता 89,550 रुपए प्रति 10 ग्राम मिल रहा है वहीं बेंगलुरु में 91,500 रुपए प्रति 10 ग्राम का भाव है।

यह भी पढ़े:
Income Tax Rule इनकम टैक्स विभाग से मिले नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स जान लें जरूरी बात Income Tax Rule

अंतरराष्ट्रीय कारकों का प्रभाव और विश्लेषण

सोने की कीमतों में आई इस गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारक जिम्मेदार हैं जो वैश्विक बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में स्थिरता और डॉलर की बढ़ती मजबूती ने सोने की मांग को कम कर दिया है। जब ब्याज दरें स्थिर या बढ़ती हैं तो निवेशक ब्याज देने वाली संपत्तियों को प्राथमिकता देते हैं बजाय सोने जैसी गैर-आय देने वाली संपत्ति के। मजबूत डॉलर सोने को अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए महंगा बना देता है जिससे वैश्विक मांग घट जाती है। ये सभी कारक मिलकर अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतों पर दबाव बना रहे हैं जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है।

घरेलू मांग और स्थानीय कारकों का योगदान

यह भी पढ़े:
Pan Card New Rules 2025 पैन कार्ड धारकों को हुई मौज सरकार ने कर दी बड़ी घोषणा, अब सभी होंगे मालामाल Pan Card New Rules 2025

भारतीय बाजार में सोने की कीमतों पर स्थानीय कारकों का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इस समय शादी-विवाह और त्योहारी सीजन समाप्त हो गया है जिसके कारण सोने की खुदरा मांग में कमी आई है। भारतीय परिवार आमतौर पर शुभ अवसरों, त्योहारों और विवाह समारोहों के दौरान बड़ी मात्रा में सोना खरीदते हैं। इन मौसमी मांगों के खत्म होने से बाजार में खरीदारी का दबाव कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर भी स्थानीय सोने की कीमतों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। जब रुपया मजबूत होता है तो आयातित सोना भारतीय खरीदारों के लिए सस्ता हो जाता है।

निवेशकों के लिए सुझाव और भविष्य की रणनीति

हालांकि सोने की कीमतों में हाल ही में गिरावट आई है लेकिन वित्तीय विशेषज्ञ अभी भी इसे दीर्घकालिक निवेश के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प मानते हैं। वर्तमान में आई यह कीमती गिरावट उन निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है जो रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद बेहतर खरीदारी के मौके का इंतजार कर रहे थे। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने को पोर्टफोलियो विविधीकरण के साधन के रूप में देखना चाहिए न कि अल्पकालिक मुनाफे के लिए। सोने की ऐतिहासिक भूमिका महंगाई, मुद्रा अवमूल्यन और आर्थिक अनिश्चितता के खिलाफ बचाव के रूप में बनी रहती है। दीर्घकालिक निवेशकों को अस्थायी मूल्य उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने के बजाय सोने की मौलिक विशेषताओं पर ध्यान देना चाहिए।

यह भी पढ़े:
DA Hike केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, 4% बढ़ा महंगाई भत्ता, अगले महीने मिलेगा अब तक के सबसे बड़ा गिफ्ट DA Hike

भविष्य की संभावनाएं और सावधानियां

आगे चलकर सोने के बाजार की दिशा कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी जिन पर निवेशकों को लगातार नजर रखनी होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत निर्णय, डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक स्थितियां अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतों को प्रभावित करती रहेंगी। घरेलू स्तर पर आने वाले त्योहारी सीजन, मानसून का प्रभाव और सरकार की सोना आयात नीतियां भारतीय बाजार की दशा तय करेंगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की गतिविधियों पर नियमित नजर रखें और महत्वपूर्ण निवेश निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकारों से सलाह लें। कीमती धातुओं के बाजार की अस्थिर प्रकृति के कारण व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश समयसीमा पर सावधानीपूर्वक विचार करना आवश्यक है।

Disclaimer

यह भी पढ़े:
Tenant Landlord किराएदार और मकान मालिक के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने की महत्वपूर्ण टिप्पणी, मकान मालिकों के लिए जानना जरूरी Tenant Landlord

यह लेख 21 जून 2025 तक उपलब्ध बाजार जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है और केवल शैक्षणिक तथा सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। सोने की कीमतें विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार कारकों के कारण निरंतर उतार-चढ़ाव के अधीन रहती हैं। पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं देता। पाठकों से अनुरोध है कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकारों से सलाह लें और अधिकृत डीलरों से वर्तमान कीमतों की पुष्टि करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Related Posts

Leave a Comment

Join Whatsapp Group🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?