सोने पर आ गया बड़ा अपडेट, 2028 में इतने में मिलेगा 10 ग्राम सोना Gold Price

By Meera Sharma

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Gold Price

Gold Price: साल 2025 सोने के निवेशकों के लिए एक यादगार वर्ष साबित हुआ है। जनवरी 2025 में जो सोना 75,000 रुपए प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा था, वह अब 1 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है। इस अभूतपूर्व वृद्धि ने निवेशकों को लगभग 34 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। 22 अप्रैल को सोना पहली बार 1 लाख रुपए के ऐतिहासिक स्तर को छू गया था जिसने पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं। हालांकि इसके बाद कुछ दिनों तक सोने की कीमतों में गिरावट का दौर भी देखा गया लेकिन फिर से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता के कारण यह दोबारा 1 लाख रुपए के पार चला गया।

इस तेजी के पीछे कई अंतर्राष्ट्रीय कारक जिम्मेदार हैं जिनमें अमेरिका-चीन के बीच चल रहा व्यापारिक युद्ध, बढ़ते टैरिफ और वैश्विक मंदी की आशंकाएं प्रमुख हैं। जब भी बाजार में अनिश्चितता का माहौल बनता है, निवेशक अपना पैसा सुरक्षित निवेश विकल्पों में लगाना पसंद करते हैं और सोना इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति की चिंताएं और केंद्रीय बैंकों की नीतियों में बदलाव भी सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं।

वर्तमान सोने की कीमतें और बाजार की स्थिति

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देश की राजधानी दिल्ली में वर्तमान समय में 24 कैरेट सोना 1,00,840 रुपए प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 92,450 रुपए प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है। वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,00,690 रुपए प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 92,300 रुपए प्रति 10 ग्राम के हिसाब से उपलब्ध है। ये कीमतें अलग-अलग शहरों में स्थानीय कारकों के आधार पर थोड़ी सी अलग हो सकती हैं लेकिन समग्र रूप से देश भर में सोना 1 लाख रुपए के आसपास ही कारोबार कर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 3,500 से 3,700 डॉलर प्रति औंस के बीच उतार-चढ़ाव कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक आर्थिक तनाव और बढ़ता है तो सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में भारतीय बाजार में सोने की कीमत 1,40,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक चली जा सकती है। यह संभावना निवेशकों के लिए रोमांचक भी है और चिंताजनक भी क्योंकि इतनी ऊंची कीमतों पर आम लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो जाएगा।

2026 के लिए विशेषज्ञों के अनुमान

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हाल ही में सामने आई विशेषज्ञ रिपोर्ट्स के अनुसार मार्च 2026 के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकती हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार यह 5,000 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंच सकता है। इस आधार पर भारतीय बाजार में सोना मार्च 2026 में 1,23,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू सकता है। यह अनुमान कई आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों के आधार पर लगाया गया है जिनमें डॉलर की कमजोरी, मुद्रास्फीति दर में वृद्धि और वैश्विक अनिश्चितता के कारण सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग शामिल है।

हालांकि ये अनुमान पूर्णतः निश्चित नहीं हैं क्योंकि सोने की कीमतें कई अप्रत्याशित कारकों से प्रभावित होती रहती हैं। केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियां, ब्याज दरों में बदलाव, भू-राजनीतिक घटनाक्रम और आर्थिक डेटा जैसे कारक सोने की कीमतों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए निवेशकों को इन अनुमानों को केवल संदर्भ के रूप में लेना चाहिए न कि निवेश की गारंटी के रूप में।

2028 तक सोने में आने वाली बड़ी गिरावट

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विशेषज्ञों का सबसे दिलचस्प अनुमान 2028 को लेकर है जब सोने की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2028 तक सोने का भाव घटकर 65,500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। यह वर्तमान कीमतों से लगभग 35,000 रुपए की भारी गिरावट होगी। इस गिरावट के पीछे कई संभावित कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार, भू-राजनीतिक तनाव में कमी और अमेरिका-चीन व्यापारिक युद्ध का समाप्त होना शामिल है।

जब वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर हो जाती है और राजनीतिक अनिश्चितता कम हो जाती है तो निवेशक अपना पैसा सोने जैसे सुरक्षित निवेश से निकालकर शेयर बाजार और अन्य जोखिम भरे लेकिन अधिक रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों में लगाना शुरू कर देते हैं। इससे सोने की मांग में कमी आती है और कीमतें गिरना शुरू हो जाती हैं। हालांकि यह अनुमान भी कई शर्तों के साथ है और वास्तविक स्थिति इससे अलग भी हो सकती है।

सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक

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सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के पीछे कई जटिल आर्थिक और राजनीतिक कारक काम करते हैं। मुद्रास्फीति दर सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है क्योंकि जब महंगाई बढ़ती है तो लोग अपने पैसे का वास्तविक मूल्य बनाए रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं। डॉलर की मजबूती या कमजोरी भी सोने की कीमतों को सीधे प्रभावित करती है क्योंकि सोना अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर में ही कारोबार होता है। जब डॉलर कमजोर होता है तो सोना महंगा हो जाता है और जब डॉलर मजबूत होता है तो सोना सस्ता हो जाता है।

केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियां भी सोने की कीमतों पर गहरा प्रभाव डालती हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं तो सोने में निवेश आकर्षक लगता है क्योंकि फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विकल्पों से कम रिटर्न मिलता है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारक भी सोने की मांग बढ़ाते हैं क्योंकि ऐसे समय में लोग अपना धन सुरक्षित रखना चाहते हैं।

निवेशकों के लिए सुझाव और रणनीति

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वर्तमान परिस्थितियों में सोने में निवेश करने वाले लोगों को बहुत सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए। यदि विशेषज्ञों के अनुमान सही साबित होते हैं तो 2028 में सोना खरीदने का सुनहरा अवसर मिल सकता है जब कीमतें 65,500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ जाएंगी। हालांकि इस बीच के समय में कीमतों में और तेजी आ सकती है इसलिए निवेशकों को धैर्य रखना होगा। जो लोग सोना पहले से खरीद चुके हैं उन्हें 2026 तक के ऊंचे स्तरों पर कुछ हिस्सा बेचने पर विचार करना चाहिए।

सोने में निवेश करते समय हमेशा SIP के तरीके को अपनाना चाहिए यानी हर महीने एक निश्चित राशि से सोना खरीदते रहना चाहिए। इससे कीमतों के उतार-चढ़ाव का औसत प्रभाव मिलता है। डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे आधुनिक विकल्पों का भी फायदा उठाया जा सकता है जो भौतिक सोना रखने की परेशानी से बचाते हैं।

सोने की कीमतों का भविष्य अनिश्चितताओं से भरा है लेकिन वर्तमान रुझान और विशेषज्ञ अनुमान दिलचस्प तस्वीर पेश करते हैं। 2025 की रिकॉर्ड तेजी के बाद 2026 में और ऊंचाई और फिर 2028 में भारी गिरावट का अनुमान निवेशकों के लिए रणनीति बनाने में सहायक हो सकता है। हालांकि इन अनुमानों को अंतिम सत्य न मानकर केवल संदर्भ के रूप में लेना चाहिए। सोने में निवेश करने वालों को हमेशा विविधीकरण का सिद्धांत अपनाना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो का केवल एक हिस्सा ही सोने में लगाना चाहिए। धैर्य और सही समय का इंतजार करने वाले निवेशक इन उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं।

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Disclaimer

यह लेख सामान्य जानकारी और विशेषज्ञ अनुमानों के आधार पर तैयार किया गया है। सोने की कीमतें कई अप्रत्याशित कारकों से प्रभावित होती हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और बाजार जोखिमों को समझें।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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