Gold Price: पीली धातु सोना हमेशा से निवेशकों और आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इस वर्ष सोने की कीमतों में जो तेजी देखी गई, वह वास्तव में आश्चर्यजनक थी। साल की शुरुआत में जहां सोने की कीमत 76 हजार रुपये के आसपास थी, वहीं यह एक लाख रुपये का आंकड़ा भी पार कर गई। लेकिन हाल की घटनाओं में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई है जिसने पूरे बाजार को हिला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट केवल शुरुआत है और आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और भी अधिक गिरावट हो सकती है।
सोने के इतिहास को देखें तो पिछले ग्यारह वर्षों में से आठ बार इसने सकारात्मक रिटर्न दिया है। लगातार चार वर्षों से यह निवेशकों को अच्छा मुनाफा देता आया है। हालांकि इस साल की स्थिति अलग नजर आ रही है जहां तेजी के बाद अचानक से तेज गिरावट का दौर शुरू हो गया है। बाजार विशेषज्ञ इस स्थिति को गंभीरता से देख रहे हैं।
सोने की तेजी का कारण
इस वर्ष सोने की कीमतों में आई तेजी का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियां रही हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा रेसिप्रोकल टैक्स की घोषणा और उसे लागू करने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बना। जब भी बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक अपना पैसा सुरक्षित विकल्पों में लगाना पसंद करते हैं। सोना हमेशा से एक सेफ हेवन एसेट माना जाता रहा है, इसीलिए निवेशकों ने बड़ी मात्रा में सोने में निवेश किया। इस बढ़ी हुई मांग के कारण सोने की कीमतें आसमान छूने लगीं और करीब 34 प्रतिशत तक का रिटर्न मिला।
वैश्विक स्तर पर जब भी राजनीतिक या आर्थिक अस्थिरता होती है, तो सोने की मांग बढ़ जाती है। इस बार भी यही स्थिति देखी गई जहां अमेरिकी नीतियों के कारण दुनिया भर के निवेशक सोने की तरफ आकर्षित हुए। लेकिन अब स्थिति बदल रही है और सोने की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है।
वर्तमान कीमतों की स्थिति
दिल्ली के सराफा बाजार में वर्तमान में 22 कैरेट सोना 92,440 रुपये प्रति दस ग्राम बिक रहा है जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 1,00,830 रुपये प्रति दस ग्राम है। मुंबई में भी सोने की कीमतें एक लाख रुपये के नीचे आ गई हैं। यहां 24 कैरेट सोना 99,870 रुपये प्रति दस ग्राम और 22 कैरेट सोना 91,550 रुपये प्रति दस ग्राम मिल रहा है। चेन्नई में भी यही स्थिति है जहां 24 कैरेट सोने की कीमत 99,810 रुपये और 22 कैरेट की कीमत 91,550 रुपये प्रति दस ग्राम है। कोलकाता में भी लगभग समान दरें देखी जा रही हैं।
यह गिरावट सभी प्रमुख शहरों में एक समान दिखाई दे रही है जो इस बात का प्रमाण है कि यह कोई स्थानीय समस्या नहीं बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कारकों से प्रभावित है। सोने के अपने उच्चतम स्तर से 5 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है जो काफी महत्वपूर्ण है।
एमसीएक्स और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में भी सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। सोना अपने 15 दिन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। एमसीएक्स पर सोना 2,418 रुपये कम होकर 96,870 रुपये प्रति दस ग्राम पर ट्रेड कर रहा है। चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है जो सोने के साथ-साथ अन्य कीमती धातुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव दिखाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी यही प्रवृत्ति देखी जा रही है जहां सोने की कीमतें लगातार गिर रही हैं। यह स्थिति दिखाती है कि यह गिरावट केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है बल्कि एक वैश्विक घटना है।
एमसीएक्स पर होने वाली ट्रेडिंग भविष्य की कीमतों का संकेत देती है और वर्तमान में जो गिरावट दिखाई दे रही है, वह आगे और भी अधिक गिरावट की संभावना को बढ़ाती है।
विशेषज्ञों की राय
प्रमुख वित्तीय संस्थानों और विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में आगे और भी गिरावट हो सकती है। क्वांड म्यूचुअल फंड, सिटी रिसर्च और जॉन मिल्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सोने की कीमतों में और गिरावट के अनुमान लगाए हैं। जॉन मिल्स के विश्लेषण के अनुसार वर्ष के अंत तक वैश्विक परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी और सोने की मांग में कमी आएगी। जब आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है तो कीमतें स्वाभाविक रूप से गिरती हैं। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की आपूर्ति बढ़ रही है जबकि मांग घट रही है। यह स्थिति कीमतों के लिए नकारात्मक संकेत है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों का प्रारंभिक प्रभाव अब कम हो रहा है और निवेशक दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। इससे सोने की मांग में और कमी आने की संभावना है।
दिसंबर 2025 तक की भविष्यवाणी
जॉन मिल्स के विश्लेषण के अनुसार दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1800 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती हैं। भारतीय मुद्रा में इसका मतलब है कि 24 कैरेट सोने की कीमत 56,000 रुपये प्रति दस ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 51,296 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ सकती है। यह वर्तमान कीमतों से लगभग 40-45 प्रतिशत की गिरावट होगी जो बहुत महत्वपूर्ण है। यदि यह भविष्यवाणी सही साबित होती है तो सोने में निवेश करने वाले लोगों को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ सोना खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है।
यह गिरावट धीरे-धीरे होने की संभावना है और अगले कुछ महीनों में इसके संकेत दिखाई देने लगेंगे। निवेशकों को इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और अपनी निवेश रणनीति को समायोजित करना चाहिए।
निवेशकों के लिए सुझाव और सावधानियां
सोने की कीमतों में आई इस अस्थिरता के बीच निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। जो लोग पहले से सोने में निवेश कर चुके हैं, उन्हें अपने निवेश की समीक्षा करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर नुकसान को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए। वहीं नए निवेशकों को तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कीमतें और नीचे न आ जाएं। सोने में निवेश करते समय हमेशा लंबी अवधि के नजरिए से सोचना चाहिए क्योंकि यह एक चक्रीय बाजार है। कीमतों में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं लेकिन लंबी अवधि में सोना एक अच्छा निवेश विकल्प साबित होता है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए और केवल सोने पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इस समय अन्य निवेश विकल्पों को भी देखना फायदेमंद हो सकता है।
सोने की कीमतों में आई गिरावट ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है और आगे की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों की भविष्यवाणी के अनुसार यह गिरावट जारी रह सकती है और दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें काफी नीचे आ सकती हैं। हालांकि यह केवल अनुमान है और वास्तविक स्थिति कई कारकों पर निर्भर करेगी। वैश्विक आर्थिक स्थिति, राजनीतिक घटनाक्रम, मुद्रास्फीति दर और केंद्रीय बैंकों की नीतियां सभी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। निवेशकों को इन सभी कारकों पर नजर रखनी चाहिए और अपनी निवेश रणनीति बनाते समय इन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
Disclaimer
यह लेख बाजार विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है।