केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव, अब इस अलाउंस में होगी कटौती govt employees allowances

By Meera Sharma

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govt employees allowances: केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के भत्ते भी प्रदान करती है जिनमें महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता और ड्रेस भत्ता शामिल हैं। हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से ड्रेस भत्ते के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है। यह बदलाव विशेष रूप से नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा और उनके ड्रेस भत्ते की राशि में कमी आएगी। इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों के बीच चर्चा और चिंता का माहौल बना हुआ है।

पुराने नियमों की व्यवस्था

अब तक की व्यवस्था के अनुसार सभी केंद्रीय कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में पूरे साल के लिए एक साथ दिया जाता था। इस व्यवस्था में यह नहीं देखा जाता था कि कर्मचारी को नौकरी कब मिली थी या वह कब से सेवा में है। चाहे कोई कर्मचारी जुलाई में ज्वाइन करे या दिसंबर में, सभी को समान रूप से पूरे साल का ड्रेस भत्ता मिल जाता था। यह नियम सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू था और इसमें कोई भेदभाव नहीं था। पुराने नियमों के तहत यह भत्ता वार्षिक आधार पर दिया जाता था।

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नए नियमों की विस्तृत जानकारी

नए नियमों के अनुसार जुलाई 2025 के बाद नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता प्रो-रेटा आधार पर दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि कर्मचारी को केवल उन महीनों का ड्रेस भत्ता मिलेगा जितने महीने वह वास्तव में सेवा में रहेगा। यदि कोई कर्मचारी दिसंबर में नौकरी ज्वाइन करता है तो उसे दिसंबर से अगले साल जून तक केवल सात महीने का ही ड्रेस भत्ता मिलेगा। यह बदलाव केवल नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा और पहले से सेवारत कर्मचारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ड्रेस भत्ते की गणना का नया तरीका

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नई व्यवस्था में ड्रेस भत्ते की गणना एक विशेष फॉर्मूले के आधार पर की जाएगी जिसे प्रो-रेटा फॉर्मूला कहा जाता है। इस फॉर्मूले के अनुसार वार्षिक ड्रेस भत्ते की राशि को 12 महीनों से भाग दिया जाएगा और फिर उसे उन महीनों की संख्या से गुणा किया जाएगा जितने महीने कर्मचारी वास्तव में सेवा में रहेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई कर्मचारी अक्टूबर में ज्वाइन करता है तो उसे अक्टूबर से जून तक नौ महीने का ही ड्रेस भत्ता मिलेगा। यह गणना का तरीका अधिक न्यायसंगत और वैज्ञानिक माना जा रहा है।

सेवानिवृत्ति के समय ड्रेस भत्ते के नियम

वर्तमान में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक विशेष व्यवस्था है। यदि कोई कर्मचारी दिसंबर के बाद रिटायर होता है तो उसे पूरे साल का वार्षिक ड्रेस भत्ता दिया जाता है। वहीं दिसंबर से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को केवल आधा यानी छह महीने का ड्रेस भत्ता मिलता है। यह व्यवस्था जुलाई से जुलाई और जुलाई से दिसंबर के आधार पर की गई है। नए नियमों के लागू होने के बाद रिटायरमेंट के समय भी ड्रेस भत्ते की गणना महीनों के आधार पर की जा सकती है।

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कर्मचारियों में व्याप्त असमंजस

नए नियमों की घोषणा के बाद कर्मचारियों के बीच कई प्रकार की शंकाएं और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मुख्य रूप से यह स्पष्ट नहीं है कि जुलाई 2025 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता किस आधार पर दिया जाएगा। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जब तक नया आधिकारिक आदेश नहीं आता, तब तक पुराने नियम ही लागू रहेंगे। कर्मचारी संघों की ओर से इन नए नियमों को लेकर चर्चा और विरोध की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।

विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को मिलने वाला ड्रेस भत्ता

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7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को अलग-अलग दरों पर ड्रेस भत्ता दिया जाता है। सामान्य केंद्रीय कर्मचारियों को सालाना 5,000 रुपए का ड्रेस भत्ता मिलता है। वहीं जो कर्मचारी नियमित रूप से विशेष ड्रेस कोड का पालन करते हैं उन्हें 10,000 रुपए सालाना दिया जाता है। सैन्य बलों के कर्मचारियों के लिए यह राशि सबसे अधिक 20,000 रुपए सालाना निर्धारित की गई है। यह भत्ता कर्मचारियों की वर्दी और अन्य कपड़ों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दिया जाता है।

भविष्य में संभावित अन्य बदलाव

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ड्रेस भत्ते के अलावा भविष्य में अन्य भत्तों में भी बदलाव की संभावना है। कार्मिक विभाग लगातार विभिन्न भत्तों की समीक्षा कर रहा है और उन्हें अधिक तर्कसंगत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह बदलाव सरकारी खर्च को नियंत्रित करने और संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हालांकि कर्मचारियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है और कोई भी बदलाव अचानक लागू नहीं किया जाएगा बल्कि पहले से सूचना दी जाएगी।

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Disclaimer

यह लेख विभिन्न सरकारी सूत्रों और समाचार रिपोर्टों के आधार पर तैयार किया गया है। ड्रेस भत्ते से संबंधित सभी नियम और बदलाव सरकारी अधिसूचना के बाद ही आधिकारिक रूप से लागू होंगे। कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे किसी भी बदलाव की पुष्टि अपने विभाग या कार्मिक मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से करें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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