Home Loan: आज के समय में बढ़ती महंगाई और प्रॉपर्टी की ऊंची कीमतों के कारण घर खरीदना आम लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। होम लोन की ब्याज दरें भी काफी ऊंची हो गई हैं और बैंक से लोन लेने के लिए अच्छी खासी मासिक आय का होना जरूरी हो गया है। इसके अलावा कई तरह के दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जो प्रक्रिया को और भी जटिल बना देती है। ऐसी स्थिति में मध्यमवर्गीय और निम्न आय वाले परिवारों के लिए अपना घर होना एक सपना भर रह जाता है।
लेकिन अब इस समस्या का समाधान है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से कम आय वाले लोग भी अपना मकान खरीद सकते हैं। विशेष रूप से दिल्ली विकास प्राधिकरण की हाउसिंग स्कीमें इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं। इन योजनाओं के तहत न केवल किफायती दरों पर फ्लैट मिलते हैं बल्कि लोन की सुविधा भी आसान शर्तों पर उपलब्ध है।
डीडीए की सस्ता घर हाउसिंग स्कीम का विवरण
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने कम आय वाले परिवारों के लिए एक विशेष हाउसिंग स्कीम शुरू की है जिसे सस्ता घर हाउसिंग स्कीम के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत केवल 11.5 लाख रुपए में अपना मकान खरीदा जा सकता है। यह राशि बाजार की तुलना में काफी कम है और 20 हजार रुपए मासिक आय वाले व्यक्ति के लिए भी किफायती है। इस स्कीम में लगभग 34 हजार फ्लैट उपलब्ध हैं जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिए जा रहे हैं।
यह योजना विशेष रूप से कम आय वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाई गई है। सरकार का उद्देश्य हर परिवार को किफायती आवास उपलब्ध कराना है। इन फ्लैट्स को रियायती दरों पर दिया जा रहा है जो सामान्य बाजार दर से काफी कम है। योजना की अवधि सीमित है और यह 31 मार्च 2025 तक चलेगी इसलिए इच्छुक लोगों को जल्दी आवेदन करना चाहिए।
फ्लैट्स की स्थिति और सुविधाएं
डीडीए की इस योजना के तहत मिलने वाले फ्लैट्स दिल्ली के विभिन्न विकसित इलाकों में स्थित हैं। ये फ्लैट मुख्य रूप से उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रामगढ़ कॉलोनी, सीरसपुर, रोहिणी, नरेला और लोकनायकपुरम जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध हैं। ये सभी इलाके दिल्ली के अच्छे इलाकों में आते हैं जहां परिवहन की सुविधा अच्छी है। रोहिणी जैसे इलाके तो दिल्ली के सबसे विकसित इलाकों में से एक हैं जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इन फ्लैट्स में बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सीवेज सिस्टम पहले से ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा इन इलाकों में स्कूल, अस्पताल, बाजार और अन्य जरूरी सुविधाएं भी पास में हैं। मेट्रो कनेक्टिविटी भी अच्छी है जो काम पर जाने में सुविधा प्रदान करती है। यह एक बड़ा फायदा है क्योंकि अच्छी लोकेशन में इतनी कम कीमत पर फ्लैट मिलना आसान नहीं है।
डाउन पेमेंट और वित्तीय व्यवस्था
इस हाउसिंग स्कीम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के फ्लैट के लिए बुकिंग राशि केवल 50 हजार रुपए है। यह राशि अन्य हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की तुलना में काफी कम है। बुकिंग के बाद डाउन पेमेंट के रूप में 3 लाख रुपए देने होंगे। इस तरह कुल मिलाकर शुरुआती भुगतान 3.5 लाख रुपए होता है। यह राशि भले ही बड़ी लगे लेकिन परिवार के सदस्य मिलकर या छोटी छोटी बचत करके इसे जुटाया जा सकता है।
बाकी 8 लाख रुपए के लिए 15 साल की अवधि के लिए होम लोन मिल जाता है। इस लोन पर 10 प्रतिशत की ब्याज दर है जो वर्तमान बाजार दर से कम है। यह सुविधा सरकारी योजना का हिस्सा होने के कारण मिलती है। इस वित्तीय व्यवस्था से 20 हजार रुपए मासिक आय वाला व्यक्ति भी आसानी से अपना घर खरीद सकता है।
मासिक ईएमआई की गणना और किफायती व्यवस्था
8 लाख रुपए के लोन पर 15 साल की अवधि के लिए 10 प्रतिशत ब्याज दर से मासिक ईएमआई केवल 8597 रुपए होती है। यह राशि 20 हजार रुपए की मासिक सैलरी का लगभग 43 प्रतिशत है जो वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार एक सुरक्षित सीमा के अंदर है। आम तौर पर सलाह दी जाती है कि होम लोन की ईएमआई मासिक आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस हिसाब से यह व्यवस्था बिल्कुल उचित है।
बची हुई राशि यानी लगभग 11400 रुपए से घर के अन्य खर्चे जैसे खाना पीना, बिजली पानी का बिल, बच्चों की पढ़ाई और अन्य जरूरी खर्चे चलाए जा सकते हैं। हालांकि यह राशि कम लगती है लेकिन सोचिए कि आप किराए की बचत भी कर रहे हैं। दिल्ली में इन इलाकों में किराया भी 8 से 10 हजार रुपए महीना होता है। इस तरह देखा जाए तो यह बहुत ही किफायती व्यवस्था है।
होम लोन लेते समय ध्यान देने योग्य बातें
होम लोन लेते समय यह जरूरी है कि आपका पहले से कोई और लोन न हो। यदि पहले से कोई पर्सनल लोन, कार लोन या क्रेडिट कार्ड का बकाया है तो होम लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। बैंक आपकी कुल आय और कुल देनदारी का अनुपात देखते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह है कि सभी तरह की ईएमआई मिलाकर मासिक आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसलिए होम लोन लेने से पहले अपने अन्य सभी कर्जों को चुकता कर देना बेहतर होता है।
इसके अलावा अपना क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रखना जरूरी है। समय पर सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करते रहना चाहिए। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर न केवल लोन मिलने में मदद करता है बल्कि बेहतर ब्याज दर भी दिलाता है। नियमित आय का प्रमाण भी जरूरी है इसलिए कम से कम 2 साल तक एक ही नौकरी में रहना फायदेमंद होता है।
अन्य राज्यों में भी उपलब्ध समान योजनाएं
केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी ऐसी सरकारी हाउसिंग स्कीमें चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में किफायती आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में भी अपनी हाउसिंग बोर्ड की योजनाएं हैं। इन योजनाओं के तहत भी कम आय वाले लोग अपना मकान खरीद सकते हैं। इसके लिए संबंधित राज्य के हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर जानकारी ली जा सकती है।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना में तो ब्याज सब्सिडी भी मिलती है जिससे ईएमआई और भी कम हो जाती है। इन सभी योजनाओं का मकसद यह है कि 2024 तक हर परिवार का अपना घर हो। सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तरह तरह की सुविधाएं दे रही है।
20 हजार रुपए मासिक आय में भी अपना घर खरीदना अब संभव है बशर्ते आप सही योजना का चुनाव करें। डीडीए की सस्ता घर हाउसिंग स्कीम इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। थोड़ी सी योजनाबद्धता और धैर्य के साथ कम आय वाले लोग भी अपने सपनों का घर पा सकते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल पैसे बचाए जा सकते हैं बल्कि भविष्य की वित्तीय सुरक्षा भी बनाई जा सकती है। किराए में जो पैसा बर्बाद होता है उससे बेहतर है कि अपने ही घर की ईएमआई भरी जाए।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। होम लोन और हाउसिंग स्कीम की नवीनतम जानकारी के लिए संबंधित बैंक और सरकारी विभागों से संपर्क करें। ब्याज दरें और योजना की शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं।