Toll Tax New Rule: भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा से गुजरते समय अधिकांश वाहन चालकों को टोल शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। यह शुल्क सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए वसूला जाता है। हालांकि, कई ऐसे लोग और वाहन हैं जिन्हें इस शुल्क से पूर्ण छूट प्राप्त है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इन विशेष श्रेणियों की एक स्पष्ट सूची जारी की है जो टोल मुक्त यात्रा की सुविधा प्राप्त करते हैं।
इन नियमों का उद्देश्य देश सेवा में लगे व्यक्तियों, आपातकालीन सेवाओं और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देना है। सामान्य नागरिकों के लिए भी कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट का प्रावधान है, जिसकी जानकारी होना आवश्यक है।
राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों को विशेष छूट
भारत के संविधान में उल्लिखित सर्वोच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को टोल शुल्क से पूर्ण मुक्ति प्राप्त है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के वाहनों को किसी भी टोल प्लाजा पर रोका नहीं जाता है। इसी प्रकार सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इस सुविधा के हकदार हैं। संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य और विधान परिषद के सदस्य भी अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान टोल मुक्त गुजर सकते हैं।
न्यायपालिका के सदस्यों को भी यह विशेषाधिकार प्राप्त है। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वाहन बिना किसी शुल्क के टोल प्लाजा से गुजर सकते हैं। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि संवैधानिक पदों पर काम करने वाले व्यक्तियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में किसी प्रकार की बाधा न हो।
वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मान
देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर योद्धाओं और उनके परिवारजनों को विशेष सम्मान दिया गया है। परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित व्यक्तियों को जीवनभर टोल शुल्क से छूट प्राप्त है। यह व्यवस्था उन बहादुर सैनिकों और नागरिकों के लिए राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए असाधारण वीरता दिखाई है।
वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के वाहनों पर विशेष पहचान चिह्न लगाए जाते हैं। टोल प्लाजा के कर्मचारी इन चिह्नों को देखकर तुरंत वाहन को आगे भेज देते हैं। यह प्रक्रिया न केवल इन वीर व्यक्तियों का सम्मान करती है बल्कि अन्य नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनती है।
सुरक्षा बलों और रक्षा विभाग की विशेष सुविधा
भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और अर्धसैनिक बलों के सभी वाहन टोल शुल्क से मुक्त हैं। इसमें आधिकारिक कार्यों के लिए उपयोग होने वाले सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं। रक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले अनुसंधान संस्थान, आयुध कारखाने और अन्य संस्थानों के वाहन भी इस श्रेणी में आते हैं। यह व्यवस्था राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।
सुरक्षा बलों के वाहनों की तत्काल आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए टोल प्लाजा पर विशेष लेन की व्यवस्था भी की गई है। आपातकालीन स्थितियों में इन वाहनों को बिना किसी देरी के गुजरने की सुविधा मिलती है। इससे देश की सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है।
आपातकालीन सेवाओं को प्राथमिकता
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को टोल शुल्क से पूर्ण छूट प्राप्त है। यह व्यवस्था मानवीय आधार पर बनाई गई है क्योंकि इन सेवाओं का संबंध जीवन-मृत्यु के मामलों से होता है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में इन वाहनों की देरी जानलेवा हो सकती है। इसलिए इन्हें तुरंत गुजरने की सुविधा दी जाती है।
आपातकालीन सेवाओं में पुलिस वाहन, आपदा प्रबंधन टीम के वाहन और मेडिकल इमरजेंसी से जुड़े सभी वाहन शामिल हैं। टोल प्लाजा के कर्मचारियों को इन वाहनों की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। साइरन की आवाज सुनते ही तुरंत रास्ता साफ कर दिया जाता है।
दोपहिया वाहनों और सार्वजनिक परिवहन की सुविधा
भारत में सभी दोपहिया वाहनों को टोल शुल्क से छूट प्राप्त है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि दोपहिया वाहन सड़कों को कम नुकसान पहुंचाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग इनका अधिक उपयोग करते हैं। मोटरसाइकिल, स्कूटर और साइकिल सभी इस श्रेणी में आते हैं। राज्य सरकार की बसें भी टोल शुल्क से मुक्त हैं क्योंकि ये सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा हैं।
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था बनाई गई है। इससे अधिक से अधिक लोग निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं। यह पर्यावरण संरक्षण और यातायात की समस्या को कम करने में भी सहायक है।
वाहन के आकार के आधार पर शुल्क निर्धारण
टोल शुल्क का निर्धारण वाहन के आकार और भार के आधार पर किया जाता है। छोटे वाहन कम शुल्क देते हैं जबकि भारी वाहनों से अधिक शुल्क वसूला जाता है। इसका कारण यह है कि भारी वाहन सड़कों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं और उनके रखरखाव की लागत भी अधिक होती है। कार और जीप को हल्के वाहन माना जाता है जबकि ट्रक और बस भारी वाहन की श्रेणी में आते हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूरे देश में एक समान दरों का निर्धारण किया है। प्रत्येक टोल प्लाजा पर शुल्क की दरें स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाती हैं। यह व्यवस्था पारदर्शी है और सभी वाहन चालकों को अपने वाहन की श्रेणी के अनुसार शुल्क का भुगतान करना होता है।
विशेष छूट और वापसी यात्रा के नियम
24 घंटे के अंदर एक ही टोल प्लाजा से दोबारा गुजरने वाले वाहनों के लिए विशेष छूट का प्रावधान है। ऐसे यात्रियों को केवल डेढ़ गुना शुल्क का भुगतान करना होता है, पूरा शुल्क नहीं। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए बनाई गई है जो व्यापारिक कार्यों या अन्य जरूरी कामों के लिए दिन में कई बार एक ही रास्ते से गुजरते हैं।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहली बार टोल देते समय रसीद को संभालकर रखना आवश्यक है। दूसरी बार गुजरते समय यह रसीद दिखानी होती है। यदि 24 घंटे का समय पूरा हो जाता है तो फिर से पूरा शुल्क देना होगा। इस व्यवस्था से यात्रियों की आर्थिक बचत होती है।
भारत में टोल टैक्स की व्यवस्था वैज्ञानिक आधार पर बनाई गई है जो विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखती है। देश सेवा में लगे व्यक्तियों, आपातकालीन सेवाओं और सामाजिक हित के कार्यों को प्राथमिकता देकर एक संतुलित व्यवस्था बनाई गई है। सामान्य नागरिकों के लिए भी उचित छूट के प्रावधान हैं जो यात्रा की लागत को कम करते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। टोल नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। अधिकारिक और नवीनतम जानकारी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। किसी भी प्रकार की कानूनी समस्या के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है।